धनघटा हत्याकांड में तीन बच्चियों के हत्यारे पिता और दोस्त को आजीवन कारावास।
संतकबीरनगर। धनघटा थाना क्षेत्र के डिहवा गांव में 31 मई 2020 को हुए दिल दहलाने वाले हत्याकांड में सत्र न्यायाधीश मोहनलाल विश्वकर्मा ने दोषी पिता सरफराज खान और उसके दोस्त नीरज मौर्य को सश्रम आजीवन कारावास और 35-35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न चुकाने पर दोनों को तीन माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
मामले का विवरण
साबिरा खातून, निवासी डिहवा, ने धनघटा थाने में शिकायत दर्ज की थी कि उनकी शादी 2012 में सरफराज खान से हुई थी। उनके चार बेटियां थीं सना (7 वर्ष), सवा (4.5 वर्ष), शमा (2.5 वर्ष) और आनम (7 माह)। सरफराज, जो ड्राइविंग करता था, अपनी पत्नी और बेटियों से छुटकारा पाना चाहता था। 31 मई 2020 को वह ईद के लिए मुंबई से लौटा और साबिरा को मायके से डिहवा लाया। उसी दिन दोपहर 12 बजे वह घर से निकला और शाम को अपने दोस्त नीरज मौर्य के साथ मोटरसाइकिल से लौटा। साबिरा ने बच्चियों की तबीयत खराब होने की बात कही, तो सरफराज ने उन्हें डॉक्टर दिखाने और घुमाने के बहाने सना, सवा और शमा को साथ ले गया।
रात 9:30 बजे सरफराज अकेले लौटा और दावा किया कि बदमाशों ने उसकी पिटाई कर बच्चियों का अपहरण कर लिया। बाद में उसने कबूल किया कि उसने नीरज मौर्य के साथ मिलकर बीड़हर घाट पुल से तीनों बेटियों को नदी में फेंक दिया ताकि उनकी मृत्यु हो जाए और कोई सबूत न बचे। गोताखोरों ने बच्चियों की तलाश की, लेकिन शव नहीं मिले।
कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने सरफराज और नीरज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। विवेचक ने जांच पूरी कर आरोप पत्र दाखिल किया। जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने 9 गवाह पेश किए, जिन्होंने घटना की पुष्टि की। बचाव पक्ष ने 6 गवाह पेश किए, लेकिन आरोप साबित हुए। सत्र न्यायाधीश ने दोनों को IPC की धारा 302 के तहत दोषी ठहराया। यह फैसला क्षेत्र के चर्चित हत्याकांड में न्याय का प्रतीक बना।