पिपरौली।गोरखपुर: ग्रामीण इलाकों में मच्छरों का प्रकोप अब बेकाबू होता जा रहा है, जिसके चलते ग्रामीणों का जीवन दूभर हो गया है। हर साल ब्लॉक स्तर पर मच्छरों के नियंत्रण के लिए दवा छिड़काव के नाम पर मोटी रकम आवंटित की जाती है, लेकिन यह पैसा कहाँ खर्च होता है, इसका कोई अता-पता नहीं। जिम्मेदार अधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि ग्रामीण रातभर मच्छरों के डंक से परेशान होकर चैन की नींद तक नहीं सो पा रहे। खास तौर पर पिपरौली ब्लॉक के नेवास, बरवार, कुसमी, बरवार और बड़गहन जैसे गाँवों में स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गाँवों में लंबे समय से दवा का छिड़काव नहीं हुआ, जिसके चलते मच्छरों की संख्या बेतहाशा बढ़ गई है।
इस संकट से परेशान ग्रामीणों में मानवेंद्र शाही, बंटू, सूरज सिंह, उदय राज, कमालुद्दीन, राजेश, सोनू, राजकुमार, और संतोष गुप्ता जैसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की माँग की है। मानवेंद्र शाही ने कहा, “रात को सोना मुश्किल हो गया है, मच्छरों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि बच्चे तक परेशान हैं।” इसी तरह सूरज सिंह और उदय राज ने भी शिकायत की कि फंड के बावजूद उनके गाँवों में कोई राहत नहीं पहुँच रही। कमालुद्दीन और राजेश ने प्रशासन से सवाल किया कि आखिर आवंटित पैसा जा कहाँ रहा है, जबकि सोनू, राजकुमार, और संतोष ने चेतावनी दी कि अगर जल्द छिड़काव नहीं हुआ, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
ग्रामीणों ने एक स्वर में प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनके गाँवों में तत्काल प्रभाव से मच्छरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी निलेश प्रताप सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमें इस समस्या की जानकारी मिली है। बहुत जल्द ग्रामीण क्षेत्रों में दवा का छिड़काव शुरू करवाया जाएगा, ताकि लोगों को इस परेशानी से निजात मिल सके।” हालाँकि, ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ आश्वासन न बने, बल्कि धरातल पर काम भी दिखे। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन अपने वादे को कितनी जल्दी पूरा करता है और मानवेंद्र, बंटू, सूरज, उदय, कमालुद्दीन, राजेश, सोनू, राजकुमार, संतोष जैसे ग्रामीणों को मच्छरों के इस आतंक से कब तक राहत मिल पाती है।















